Title:
मोह मोह के धागे
Summary:
सबीन एक कामयाब वर्किंग वूमन है। तीस साल की उम्र होते ही गोया दुनिया ने उसे नाक़ाबिल शादी क़रार दे दिया था। पिछले नौ सालों के कॉरपोरेट वर्ल्ड के तजुर्बा ने उसे जज़बाती तौर परबहुत मज़बूत बना दिया था। अब उस की आहन मिज़ाजी का इमतिहान था। इस की छोटी बहन की शादी तै हो गई। और अब उसे शादी में आए मेहमानों का बड़े हौसले से इस्तिक़बाल करना था।रिश्तेदारों और मेहमानों के बिलरास्त और बराह-ए-रास्त तानों को सुनकर क्या वो अपना दिमाग़ पुरसुकून और ज़बान शाइस्ता रख पाएगी?
तेंतीस साला इबराहीम कई सालों से नाकाम-ए-मोहब्बत का ग़म-ए-दिल में पाले, जॉब में तरक़्क़ी पर तरक़्क़ी किए जा रहा था। वो एक बंद किताब की तरह था। और अपनों के सामने भी ख़ुद को ज़ाहिर नहीं होने देता था।मुल्कों मुल्कों घूमते हुए वो अपने दिल की किस ख़लिश को छुपाता था?
क्या रिश्तेदारों के इसरार पर होने वाली मुलाक़ात का नतीजा “मुहब्बत” हो सकता है?