प्यार लफ़्ज़ों में कहाँ प्रकरण 52 लिखित समीक्षा और अद्यतन
मूरत हयात को एक पुराने थिएटर में ले जाता है जहाँ उसकी माँ लीला प्रदर्शन करती थी। और वह उसे प्रपोज करता है। अवन्न!
एक रेस्तरां में काटें जहां एक बूढ़ा व्यक्ति वेटर से अपने द्वारा परोसी जाने वाली चीनी की मात्रा कम करने के लिए कह रहा है। हयात के पोते हशमत से मिलिए ।
रोमांस हवा में है लेकिन अजीम दोरुक को हयात के बारे में बताता है । वह असली से मिलता है और उससे सवाल करता है: क्या आप हयात की तरह असली हैं या झूठ बोल रहे हैं। केरेम ने भी यही कहा। कुछ नया लाना चाहिए था, नहीं?
लेकिन मूरत को कोई नहीं बताता। जाने न जाने गुल ही ना जाने बाग तो सारा जाने है।
मूरत को बुखार हो जाता है और हयात उसके लिए सूप बनाता है, उसके यहाँ रात बिताता है। वह मूरत को भी बताती है, इस बार जब वह सो रहा होता है । पिछली बार उसने केवल उसे बताने की कल्पना की थी। कब तक, सच में, कब तक चलेगा यह तमाशा?
पर्याप्त नाटक नहीं है, है ना? तुवाल मूरत को दीदेम की झूठी गर्भावस्था के बारे में बताता है। वह उसे मौके पर ही आग लगा देता है। यह हमें झूठों के प्रति उनकी असहिष्णुता दिखाता है। मूरत का क्या होगा?
प्रकरण समाप्त होता है जब कमल नेकट से मिलता है और उनसे कहता है: “यह मेरी बेटी सुना नहीं है ।”
मूरत अभी भी नहीं जानता है। इससे ऊब रहे हैं।
अगले प्रकरण के लिए रवाना।
शबाना मुख्तार