फ़राड क़िस्त २5 तहरीरी अपडेट और जायज़ा
माया और शान की शादी हो गई है। शान माया से सर्द मिज़ाजी का मुज़ाहरा करता है जैसा कि हम सबने उम्मीद की थी। ज़ीमल को माया पसंद है लेकिन माया की एहमीयत की हद यहीं तक है कि वो ज़ीमल की आया बन कर रहे।
मुझे वो मंज़र पसंद आया जब शान अपने ख़दशात, हालात, मयारात पर बात कर रहा था। माया का जवाब तुर्की बह तुर्की थ, फ़र्क़ सिर्फ इतना था कि वो जवाब दिल ही दिल में दे रही थी। बहुत ख़ूबसूरत मंज़र लिखा है। और, यक़ीनन, सबा बहुत ख़ूबसूरत, बहुत उदास लग रही है।
जहां तक शुजाअत का ताल्लुक़ है, वो तूबा को दिखाने के लिए सारे कार्ड खेल रहा है कि वो डिप्रेशन का शिकार है क्योंकि वो अपना केस और अपनी जायदादें खो चुका है। ये इतना लंबा और इतना बोरिंग था कि मैंने उस का बेशतर हिस्सा छोड़ दिया। और ऐसी कोई चीज़ नहीं है जो मुझे अगली क़िस्त देखने के लिए उकसाए।
और मुझे इस ड्रामे के बारे में बस इतना ही कहना है।
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Shabana Mukhtar