फ़राड क़िस्त 27 तहरीरी अपडेट और जायज़ा
शुजाअत जानता है कि माया को कैसे ब्लैक मेल करना है। लिहाज़ा, वो अपने पत्ते सही खेलता है और माया को अपना मुँह-बंद रखने के लिए राज़ी कर लेता है।
नाशते की टेबल पर माया शुजाअत को देखकर उठकर चली जाती है और अस्मा-ए-को एहसास होजाता है कि माया और शुजाअत के दरमयान कुछ गड़बड़ है।
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ज़ीमल की माँ समरा ने ज़ीमल को माया से फ़ासिला रखने को कहा लेकिन शान को इस बात का इलम हुआ और समरा को शट अप काल कर दिया। ज़ीमल से दूर रहो, और उसे माया से बदगुमान करने की कोशिश ना करो।
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शाज़ीया शदीद बीमार है और हस्पताल में दाख़िल है। नायल निसार को फ़ोन करता है और मिलने आने की दरख़ास्त करता है। शहनाज़, निसार और माया शाज़ीया की इयादत के लिए कराची जा रहे हैं।
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इस क़िस्त का बेहतरीन हिस्सा शान और माया के सीन थे। उनकी नोक झोंक और झगड़े।।। लेकिन एक दूसरे के तईं उनकी पसंदीदगी साफ़ देखी जा सकती है। ये बहुत प्यारा था। जिस तरह वो एक दूसरे को देखते हैं, भई वाह।
जायज़ा
अगरचे में शान और माया के मुनाज़िर से लुतफ़ अंदोज़ होती हूँ, लेकिन दूसरे ट्रैक बहुत बोरिंग हैं। मैं बस उस के ख़त्म होने का इंतिज़ार कर रही हूँ। ज़ाहिरी शक्ल से, ताहम, ये इतनी जल्दी ख़त्म नहीं होने वाला।
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Shabana Mukhtar