
कैसी तेरी खुदगर्जी
कैसी तेरी खुदगर्जी की कहानी एक बिजनेस टाइकून शहरयार के बेटे के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे महक से प्यार हो जाता है, जो एक मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से है।
पाठ्यक्रम के दौरान कुछ अप्रिय घटनाएं होती हैं और महक शहरयार से नफरत करने लगती है; और चूंकि शहरयार का परिवार उसके रिश्ते को स्वीकार नहीं करता है, इसलिए कहानी और भी उलझ जाती है।
नाटक में उद्योग के कुछ सबसे बड़े नाम हैं।
लेखक: रादैन शाह
निर्देशक: अहमद भट्टिक
[स्रोत: एआरवाई डिजिटल टीवी]
You can read also my teaser review of Kaisi Teri Khudgarzi here: Teaser Review | Kaise Teri Khudgharzi | ARY Digital. And this post for Cast & Characters.
कैसी तेरी खुदगर्जी एपिसोड 25 लिखित अद्यतन और समीक्षा
ठीक है, तो जैसा कि हमने देखा था, शमशीर का इंटरव्यू तवक़्क़ो के मुताबिक़ नहीं हुआ। और इस की जॉब नहीं मिली।
नवाब दिलावर ने शमशीर को अपनी वसीयत से आक़ कर दिया है, और मिसिज़ दिलावर इस से ख़ुश नहीं हैं। उसने उसे क़दरे संजीदगी से लिया है यहां तक कि वो शदीद बीमार हो जाती हैं। महवश को हस्पताल ले जाया जाता है। महवश के दिल में कुछ गड़बड़ है, उतनी कि ऑप्रेशन करना भी मुश्किल है। सिर्फ5% बचने के इमकानात हैं। और मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। क्या हमें मिसिज़ दिलावर का नाम महवश उस वक़्त पता चला है जब वो मरने वाली थीं? ज़्यादा ही लेट नहीं हो गया।
नवाब दिलावर एक बाकमाल आदमी होने के नाते अपने पुराने दोस्त डाक्टर रशीद को फ़ौरन उस हस्पताल में बुलाता है। अपनी बीवी के साथ उस की गुफ़्तगु बहुत जज़बाती थी और वो एतराफ़ करता है कि महवश उस के लिए कितनी एहमीयत रखती है। उनकी गुफ़्तगा कितनी ही प्यारी हो लेकिन वो ज़्यादा नहीं बदला। दारा ने मश्वरा दिया कि शमशीर को माफ़ कर देना चाहिए, लेकिन नवाब दिलावर ऐसा है नहीं, ऐसा हरगिज़ नहीं हो सकता।
जनाब, ये ज़रूरी है? अफ़फ़।।।
शमशीर और महक के तरफ़ की कहानी धीमे धीमे आगे बढ़ रही है और पुरसुकून है। महक और शमशीर ने एक दूसरे के तईं अपनी ज़िम्मेदारियाँ क़बूल करना शुरू कर दी हैं।
नाम का ही सही, रिश्ता तो है।
अगले दिन दोनों का इंटरव्यू है। जैसा कि हम तवक़्क़ो करते हैं, महक को काम मिल जाता है और शमशीर को नहीं। वो सेल्ज़ मैन की नौकरी ही क़बूल कर लेता है। क़िस्त का आख़िरी फ्रे़म शानदार था, शमशीर के चेहरे के तास्सुरात बहुत कुछ कहते हैं।
दानिश तैमूर एक बेबस आदमी का किरदार बहुत अच्छी तरह निभा रहे हैं, एक ऐसा शख़्स जो अपने इर्दगिर्द की बेरहम दुनिया में ज़िंदा रहने का एक ज़रीया, नौकरी की तलाश में है। वो सिर्फ एक ख़ूबसूरत चेहरा नहीं है। इस के पास अदाकारी के जवाहरात भी हैं।
अगली क़िस्त महवश की मौत दिखा सकती है, इसलिए बेसबरी से उसी का इंतिज़ार है।
फिर मिलते हैं।।।
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Shabana Mukhtar