
हब्स क़िस्त 23 तहरीरी जायज़ा और अपडेट
क़ुदसिया! क़ुदसिया!! क़ुदसिया!!
इस की इतनी गलतीयां हैं, मैं गुण भी नहीं सकती।।। ख़ैर, गिनने की कोशिश करते हैं।।।
1. उसने यावर की माँ से वाअदा किया है (मैंने पहले उसे यासर कहा था, इस से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि ज़ोया की बजाय आईशा यावर से शादी करेगी। क्यों? आख़िर क्यों ? उसने कभी आईशा या किसी और से इस मुआमले पर बात भी नहीं की। आईशा को तलाक़ भी नहीं हुई। और क़ुदसिया ने वाअदा किया है कि आईशा यावर से शादी करेगी। क्या उस के पास कोई अक़ल है? ज़र्रा बराबर भी
2. ये इन्किशाफ़ हुआ है कि “घर ख़रीदने का पूरा मुआमला एक धोका था। ज़फ़र ने जाली काग़ज़ात बनाए थे, अब क़ुदसिया वग़ैरा को घर ख़ाली करना पड़ेगा। बात से बात निकली। और वो कहते हैं ना कि बात निकली तो बहुत दूर तिलक जाएगी।क़ुदसिया इस राज़ से पर्दा उठाती हैं कि बासित और आईशा की शादी एक डील थी। जी हाँ ये सब एक सौदा था, बासित और क़ुदसिया, दोनों के लिए। बानो और बोबी को ये सुनकर उतना सदमा पहुंचा, सोच है आप की।
3. इस से क़ुदसिया को सबक़ सीखना चाहिए, है ना? लेकिन क़ुदसिया ऐसी नहीं। वो मश्वरा देती है कि बानो को दफ़्तर से क़र्ज़ लेना चाहिए। सीरियसली? क्या ये औरत कभी सबक़ सीखेगी? वो आईशा को सच्च भी नहीं बता रही, ना यावर के बारे में, ना घर के बारे में। उफ़ बहुत ही चिड़ होती है मुझे।
जहां तक बिगड़ेल बच्ची ज़ोया का ताल्लुक़ है, इस के ससुराल वालों ने अच्छी ख़ासी रक़म 5 लाख हासिल कर ली है, और एक बेशरम चूर होने के नाते, ज़ोया की इन तमाम पैसे और जे़वरात पर राल टपक रही है जो आमिर की वालिदा के पास हैं। वो सैफ में रखा सामान देखती है और नक़दी का एक गड्डी यानी कि एक लाख रुपय निकालती है। वो अनजाने में फ़र्श पर अँगूठी भी गिरा देती है। आमिर की माँ ज़ोया के कमरे की तलाशी लेती है, लेकिन ज़ोया बहुत होशयार है। पकड़ में नहीं आती।
आईशा की बातें, उस का रोना, उस की उलझन; ये सब अब बहुत ज़्यादा हो रहा है इतना किया रोना डालना? अल्लाह पर भरोसा रखें और ज़िंदगी के साथ आगे बढ़ें।
जहां तक हमारे दूलहा मियां का ताल्लुक़ है, वो सोहा से मिलता है। मुझे नहीं मालूम कि इस से कहानी में क्या फ़ायदा होता है। मुझे यक़ीन है कि सोहा का असल मक़सद ड्रामे के बाद का हिस्सा है। अभी तो ड्रामा बहुत घसीटा जा रहा है।
मिलते हैं।
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Shabana Mukhtar