Favourite Poetry #4: Judai #2 ((Hindi)

जब कभी में दिल को समझाऊँ कि वो मेरा नहीं
दिल में कोई चीख़ उठता है नहीं, ऐसा नहीं
कब निकलता है कोई दिल में उतर जाने के बाद
इस गली की दूसरी जानिब कोई रस्ता नहीं

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